नई दिल्लीः सोना अब सोना नहीं रहा. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़े बताते हैं कि 30 जून को खत्म हुए तीन महीने के दौरान सोने की मांग 18 फीसदी घट गयी. इसी के साथ काउंसिल ने पूरे साल के लिए सोने की कुल मांग का अपना अनुमान घटा दिया है.
काउंसिल के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से जून के दौरान सोने की कुल मांग 131 टन रही जबकि बीते साल की समान अवधि में ये मात्रा 159.8 टन थी. मांग में कमी ना केवल गहनों बल्कि निवेश के मामले में भी देखने को मिली. अप्रैल-जून के दौरान गहनों की मांग 20 फीसदी घटी और ये 122.1 टन से 97.9 टन पर आ गयी. वहीं निवेश की बात करें तो कमी 12 फीसदी की थी ये 37.7 टन से घटकर 33.1 टन पर आ गयी.
मांग घटने की सबसे बड़ी वजह गहनों पर 1 फीसदी की दर से एक्साइज ड्यूटी के विरोध में 1 मार्च के बाद से शुरु हुए हड़ताल का असर लंबे समय तक बने रहना और तय रकम से ज्यादा की कीमत के सोने की खरीद में पैन यानी परमानेंट अकाउंट नम्बर जरूरी किया जाना मुख्य रुप से शामिल है. ताजा आंकड़ों को मिलाने के बाद साल की पहले छह महीने (जनवरी – जून ) के दौरान सोने की कुल मांग घटकर 30 फीसदी घटकर 247.5 टन पर आ गयी.
हालांकि मानसून की बेहतर रफ्तार के बाद आने वाले त्यौहारों में सोने की मांग बढ़ेगी. फिर भी काउंसिल को लगता है कि इस पूरे साल (जनवरी-दिसम्बर) के दौरान सोने की कुल मांग 750 से 850 टन के बीच रहेगी जबकि पहले अनुमान 850 से 950 टन के बीच रहा था. 2015 के दौरान सोने की कुल मांग 860 टन से कुछ अधिक रही थी.
मांग में जो भी कमी आयी तो आया भी घटा. साल के पहले छह महीने में आयात 470 टन से घटकर 291 टन पर आ गया. हालांकि काउंसिल को नहीं लगता कि घटती मांग की वजह से तस्करी प्रभावित हुई है. अनुमान है कि 2016 के दौरान तस्करी 160 टन तक पहुंच सकती है जबकि बीते साल ये आंकड़ा 120 टन था.
काउंसिल के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से जून के दौरान सोने की कुल मांग 131 टन रही जबकि बीते साल की समान अवधि में ये मात्रा 159.8 टन थी. मांग में कमी ना केवल गहनों बल्कि निवेश के मामले में भी देखने को मिली. अप्रैल-जून के दौरान गहनों की मांग 20 फीसदी घटी और ये 122.1 टन से 97.9 टन पर आ गयी. वहीं निवेश की बात करें तो कमी 12 फीसदी की थी ये 37.7 टन से घटकर 33.1 टन पर आ गयी.
मांग घटने की सबसे बड़ी वजह गहनों पर 1 फीसदी की दर से एक्साइज ड्यूटी के विरोध में 1 मार्च के बाद से शुरु हुए हड़ताल का असर लंबे समय तक बने रहना और तय रकम से ज्यादा की कीमत के सोने की खरीद में पैन यानी परमानेंट अकाउंट नम्बर जरूरी किया जाना मुख्य रुप से शामिल है. ताजा आंकड़ों को मिलाने के बाद साल की पहले छह महीने (जनवरी – जून ) के दौरान सोने की कुल मांग घटकर 30 फीसदी घटकर 247.5 टन पर आ गयी.
हालांकि मानसून की बेहतर रफ्तार के बाद आने वाले त्यौहारों में सोने की मांग बढ़ेगी. फिर भी काउंसिल को लगता है कि इस पूरे साल (जनवरी-दिसम्बर) के दौरान सोने की कुल मांग 750 से 850 टन के बीच रहेगी जबकि पहले अनुमान 850 से 950 टन के बीच रहा था. 2015 के दौरान सोने की कुल मांग 860 टन से कुछ अधिक रही थी.
मांग में जो भी कमी आयी तो आया भी घटा. साल के पहले छह महीने में आयात 470 टन से घटकर 291 टन पर आ गया. हालांकि काउंसिल को नहीं लगता कि घटती मांग की वजह से तस्करी प्रभावित हुई है. अनुमान है कि 2016 के दौरान तस्करी 160 टन तक पहुंच सकती है जबकि बीते साल ये आंकड़ा 120 टन था.
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